नई दिल्ली. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक के कचरे को कम करने और इस पर नियंत्रण करने के लिए प्लास्टिक निर्माता या उत्पादकों, प्लास्टिक पैकेजिंग का कचरा पैदा करने वाले ब्रांड्स की जवाबदेही को बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. उत्पादकों की जिम्मेदारी को बढ़ाने वाले इन दिशानिर्देश को सरकार ने तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा है.
दिशानिर्देश में प्लास्टिक के कचरे को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. जिसमें पहले सख्त प्लास्टिक पैकेजिंग, दूसरी श्रेणी में एक परत और कई परत वाली लचीली प्लास्टिक पैकेजिंग जैसे-प्लास्टिक शीट, प्लास्टिक शीट के बने हुए कवर, कैरी बैग, प्लास्टिक के पाउच की लचीली प्लास्टिक होंगी. वहीं तीसरी श्रेणी में कई परत सामग्री वाली प्लास्टिक पैकेजिंग ( कम से कम एक परत प्लास्टिक और एक परत दूसरी सामग्री की हो) को शामिल किया गया है. दिशानिर्देश के मुताबिक प्लास्टिक के दोबारा इस्तेमाल, रीसाइकिल करने, रीसाइकिल्ड प्लास्टिक के इस्तेमाल और दूसरे इस्तेमालों को लेकर साफ जानकारी दी गई है. इसके बाद उत्पादकों, आयतकों, ब्रांड मालिकों, प्लास्टिक कचरे को रीसाइकिल करने वालों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के केंद्रीकृत पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
उत्पादकों के मामले में दिशानिर्देश फिलहाल 70 फीसद उत्पादित कचरे पर लागू होगा. जो 2023-24 में बढ़कर 100 फीसद हो जाएगा. 2024-25 में कठोर प्लास्टिक के लिए पुनर्चक्रण के लिए जिम्मेदारी 50 फीसद, 2025-26 में 60 फीसद, 2026-27 में 70 फीसद और 2027-28 और उसके बाद 80 फीसद रहेगी. यही समय सीमा ब्रांड और आयतकों पर भी लागू होगी.
ये दिशानिर्देश सरकार के सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने की दिशा में उठाए गए कदमों का हिस्सा है. इस मामले पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने की अपील की दिशा में मंत्रालय ने प्लास्टिक पैकेजिंग पर उत्पादकों की जिम्मेदारी को बढ़ाने पर व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं….ReadMore